नमस्कार मित्रों, इस पोस्ट में हम जानने वाले हैं कि web application kya hai, website kya hai, इनके प्रकार, वेब एप्लीकेशन और वेबसाइट में क्या अंतर है(web application vs website) और इनसे जुडी अन्य बातें भी जानेंगे।
हम बहुत सी वेबसाइट, ऍप्लिकेशन्स और सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हैं पर ये क्या हैं इनमे क्या अंतर है इसके बारे में हमें पता नहीं होता, पर अब समय टेक्नोलॉजी की ओर तेजी से बढ़ रहा है तो हमें इस सबके बारे में पता होना चाहिए।
तो यदि आपके मन में भी सवाल है या आप नहीं जानते कि web application kya hai, website kya hai, और वेब एप्लीकेशन और वेबसाइट में क्या अंतर है (web application vs website) पोस्ट को अंत तक पढ़िए और आपको इनके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त हो जाएगी।
वेब एप्लीकेशन के बारे में जानने से पहले हमें जानना होगा कि Application Software kya hai तो आइये पहले एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के बारे में जानते हैं।
Application Software kya hai (What is an Application Software In Hindi)
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर क्या है – एक एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर प्रोग्राम्स और फंक्शन का एक सैट होता है जिसे कुछ विशिष्ट कार्य करने के लिए डिज़ाइन और डेवलप किया जाता है, एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को एन्ड यूजर के लिए डिज़ाइन किया जाता है।
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर सीधे एन्ड यूजर से इंटरेक्ट करते हैं और उसके द्वारा आदेशित कार्यो को करते हैं।
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर एक बहुत बड़ा प्रोग्राम होता है इसे आप कई छोटे-छोटे प्रोग्राम्स का कलेक्शन कह सकते हैं, एक प्रोग्राम विभिन्न कार्यों का संग्रह होता है आइये इसे हम MS वर्ड के उदाहरण से समझते हैं:
यह MS वर्ड की मुख्य विंडो और उसका इंटरफ़ेस है, हम MS वर्ड के अंदर जो भी एक्टिविटी करते हैं उन सभी के लिए MS वर्ड में एक फंक्शन होता है जिसे उस कार्य को करने के लिए आदेश दिया जाता है।
यहाँ MS वर्ड के फंक्शन्स के कुछ उदाहरण दिए गए हैं:
- जब हम किसी फाइल को ओपन करने के लिए ओपन पर क्लिक करते हैं तो ओपन फंक्शन को कॉल किया जाता है।
- जब हम स्पेलिंग चेक करते हैं तो स्पेल चेक फंक्शन को कॉल किया जाता है।
- जब हम फॉण्ट चेंज करते हैं तो फॉण्ट लोडर फंक्शन को कॉल किया जाता है।
- जब हम फाइल को सेव करने के लिए सेव पर क्लिक करते हैं तो उसके लिए सेव फंक्शन को कॉल किया जाता है।
तो हर वो एक्टिविटी जो हम MS वर्ड में करते हैं सब के लिए एक फंक्शन होता है जिसे उस कार्य को करने के लिए बैकग्राउंड में कॉल किया जाता है, और जो भी कार्य हम MS वर्ड में करते हैं वह उसकी उस विंडो तक ही सीमित होता है।
उदाहरण के लिए
मान लीजिये हम MS वर्ड में कोई डॉक्यूमेंट ओपन करना चाहते हैं तो हम उसके निर्धारित फंक्शन को कॉल(क्लिक करना) करेंगे, उसी विंडो के अंदर एक डायलॉग बॉक्स ओपन होगा और हमें फाइल्स दिखायेगा और जब हम किसी फाइल को सेलेक्ट करेंगे तो उसका फंक्शन उस फाइल को विंडो में ओपन कर देगा और उसके कंटेंट को प्रदर्शित कर देगा।
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के प्रकार (Types of Application Software In Hindi)
सभी एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर एन्ड यूजर के लिए डिज़ाइन किये जाते हैं पर ये सभी एक जैसे नहीं होते क्युकि प्रत्येक एप्लीकेशन एक निश्चित कार्य के लिए डिज़ाइन की जाती है और वह वही कार्य करती है। मुख्यतः एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर दो प्रकार के होते हैं =>
- सिस्टम बेस्ड एप्लीकेशन
- वेब एप्लीकेशन
सिस्टम बेस्ड एप्लीकेशन क्या है (What Is System Based Application In Hindi)
सिस्टम बेस्ड एप्लीकेशन वो ऍप्लिकेशन्स होती हैं जिन्हे हम विभिन्न कार्य करने के लिए अपने कंप्यूटर या मशीन में इनस्टॉल करते हैं, ये सभी ऍप्लिकेशन्स हमारे सिस्टम में इन्सटाल्ड होती हैं और चालू होने और कार्य करने के लिए हमारे सिस्टम की मेमोरी का उपयोग करती हैं।
ये सभी ऍप्लिकेशन्स विभिन्न प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज जैसे HTML, CSS, JavaScript, PHP, python, java का उपयोग करके डिज़ाइन की जाती हैं उदाहरण के लिए – MS वर्ड, मीडिया प्लेयर, कैलकुलेटर, गेमिंग एप्स और इसी तरह अन्य।
Web Application Kya Hai (What Is a Web Application In Hindi)
वेब एप्लीकेशन क्या है – वेब एप्लीकेशन एक क्लाउड बेस्ड एप्लीकेशन होती है जिसे हम अपने कंप्यूटर या मशीन में इनस्टॉल नहीं करते बल्कि उसे ओपन करने और उस पर कार्य करने के लिए उसे अपने ब्राउज़र में ओपन करते हैं।
वेब एप्लीकेशन अपना सारा डाटा अपने सर्वर पर स्टोर करती है और लोड होने और कार्य करने के लिए अपनी क्लाउड स्टोरेज मेमोरी का उपयोग करती हैं।
आपने गूगल डॉक्स देखा है, गूगल डॉक्स गूगल की एक क्लाउड बेस्ड एप्लीकेशन है, गूगल डॉक्स में भी वर्ड, एक्सेल, पॉवरपॉइंट होते हैं और ये सभी उनके क्लाउड सर्वर पर उपलब्ध होते हैं
यहाँ हमने उदाहरण के लिए गूगल डॉक्स के वर्ड डॉक्यूमेंट को ओपन किया है जो की हमारे ब्राउज़र में ओपन है।
यह एक ब्राउज़र विंडो है यहाँ आप इस वर्ड डॉक्यूमेंट को देख सकते है जो कि MS वर्ड की तरह है जिसे हमने अपने सिस्टम में इनस्टॉल किया था।
यह वर्ड डॉक्यूमेंट ब्राउज़र विंडो में ओपन है और हमने इसे अपने सिस्टम में इनस्टॉल नहीं किया है यह वेब(सर्वर) से आकर हमारे ब्राउज़र में ओपन हुआ है।
यह कैसे काम करता है, वह एक सामान्य HTML पेज है जो हमारे ब्राउज़र में लोड है, जैसे ही आप गूगल डॉक्स की वेबसाइट पर लॉग-इन करते हैं और वर्ड डॉक्यूमेंट पर जाते हैं तो यह विंडो हमारे ब्राउज़र में ओपन हो जाती है।
यह पेज एक बार लोड हो जाता है और ऐसा ही रहता है और फिर प्रत्येक एक्टिविटी जो हम करते हैं उसके लिए उसके फंक्शन को कॉल किया जाता है तो ये सारे फंक्शन कहाँ है, ये फंक्शन हमारी मशीन पर नहीं है हमारी मशीन पर सिर्फ ब्राउज़र विंडो है जिस पर यह पेज लोड है।
ये सभी फंक्शन वेब सर्वर पर होते हैं और इन सभी फंक्शन्स को हम वेब सर्विस कहते हैं।
यह वो वेब पेज होता है जो इन सभी फंक्शन्स को कॉल करता है, कॉल करने का अर्थ जैसे हम स्पेलिंग चेक करते हैं तो डाटा स्पेल चेकर फंक्शन के के पास भेजा जाता है, फिर वह सभी स्पेलिंग मिस्टेक को चेक करता है और परिणामों को वापस भेज देता है जो हमारे ब्राउज़र की विंडो में अपडेट हो जाते हैं।
जब हम सेव पर क्लिक करते हैं तो सारा कंटेंट वेब सर्वर पर भेजा जाता है और सर्वर पर स्टोर हो जाता है।
तो यहाँ मशीन की ब्राउज़र विंडो पर सिर्फ यूजर इंटरफ़ेस होता है और सभी जरुरी फंक्शन वेब सर्वर पर होते हैं और इस तरह वेब कंप्यूटिंग काम करती है जिसे हम क्लाउड बेस्ड एप्लीकेशन या वेब एप्लीकेशन कहते है।
यह वेब पेज कैसे बनता है यह भी HTML के द्वारा बनाया जाता है जिसमे टेक्स्ट, इमेजेज और अन्य चीजें होती है, इसे HTML, CSS, और JavaScript का प्रयोग करके डेवलप किया जाता है।
वेब सर्विस Java/.NET/PHP/Ruby/Pearl या Python का प्रयोग करके डेवलप की जाती है। सर्वर साइड फंक्शन्स को डेवलप करने के लिए बहुत सी लैंग्वेजेज उपलब्ध है।
इस ब्राउजर विंडो या इस वेब पेज और इन कार्यों के बीच संचार AJAX के माध्यम से किया जाता है, यहां उपयोग किया जाने वाला तंत्र AJAX, जावास्क्रिप्ट और XML के रूप में सिंक होता है, इसलिए डेटा ट्रांसफर या इन दोनों के बीच संचार AJAX यानी XML के माध्यम से होता है, डेटा XML के रूप में स्थानांतरित किया जाता है।
वेब एप्लीकेशन का एक अन्य उदाहरण – जीमेल
यहाँ अगर हमें कोई ईमेल भेजना है तो हम कंपोज़ पर क्लिक करेंगे, एक डायलॉग बॉक्स ओपन होगा, जहाँ हम अपना ईमेल लिख सकते हैं, और जैसे ही हम सेंड पर क्लिक करते हैं ईमेल चला जाता है और हमें एक मैसेज दिखता है कि आपका मेल भेज दिया गया है।
अगर हमें किसी फ्रेंड से चैट करना है तो उसके नाम पर क्लिक करेंगे और एक डायलॉग बॉक्स ओपन हो जाएगा जहाँ हम उससे चैट कर सकते हैं।
यहाँ आप देख सकते हैं कि सारा काम सिर्फ इस ब्राउज़र विंडो और इस वेब पेज के अंदर हो रहा है पर सभी कार्यों को पूर्व निर्धारित फंक्शन्स के द्वारा मैनेज किया जा रहा है जो की वेब सर्वर पर उपलब्ध हैं।
यह कैसे काम करता है वेब सर्वर पर हर एक्टिविटी के लिए अलग फंक्शन उपलब्ध होता है जैसे मेल चेक करने, देखने, भेजने, डिलीट करने या किसी से चैट करने, हर कार्य के लिए सर्वर पर फंक्शन काम कर रहे होते हैं।
और जैसे ही हम कोई एक्टिविटी करते हैं तो उससे सम्बंधित फंक्शन को कॉल किया जाता है और ajax के माध्यम से उनके बीच संचार किया जाता है।
अब तक हमने जाना कि application software kya hai और Web Application Kya Hai आइये अब website kya hai hindi me जानते हैं।
Website Kya Hai (What is a Website In Hindi)
वेबसाइट क्या है(Website Kya Hai) – वेबसाइट वेब पेजों का एक संग्रह होती है, वेब पेज को HTML के द्वारा डिज़ाइन किया जाता है जिसमें टेक्स्ट, इमेज, ऑडियो-वीडियो और अन्य होते है, इन सभी चीजों को वेब पेज बनाने के लिए HTML द्वारा मिक्स किया जाता है, और इन सभी वेब पजों का संग्रह वेबसाइट कहलाता है।
सामान्यतः वेबसाइट कंपनियों द्वारा अपने उत्पाद और सर्विस का विज्ञापन करने, सरकार द्वारा जनता को सूचना देने, लेखकों द्वारा प्रकाशन करने और न्यूज़ एजेंसियों द्वारा न्यूज़ प्रकाशित करने के लिए डेवेलोप की जाती हैं, तो इस तरह वेबसाइट कई अलग-अलग उद्देश्यों के लिए उपयोग की जाती हैं।
वेब पेज/वेबसाइट के प्रकार (Types of website in Hindi)
वेब पेज या वेबसाइट दो प्रकार की होती हैं =>
- स्टैटिक वेबसाइट/वेब पेज
- डायनामिक वेबसाइट/वेब पेज
स्टैटिक वेबसाइट/वेब पेज (Static web pages)
स्टैटिक वेबसाइट या वेब पेज सिर्फ रेडीमेड वेब पेज(पहले से तैयार) होते हैं जिनमे कभी कोई बदलाव नहीं होता, उदाहरण के लिए आप जब भी इस वेबसाइट पर विजिट करेंगे आपको यह नीचे दिखाया गया पेज मिल जाएगा, जो हमेशा ऐसा ही रहेगा इसमें कोई परिवर्तन नहीं होगा।
इसे एक बार ही लिखा गया है और जब भी यूजर इस पेज पर विजिट करेंगे उन्हें यही कंटेंट मिलेगा, इसका कंटेंट कभी नहीं बदलेगा जैसे इसका लुक, डिज़ाइन, कंटेंट आदि सब ऐसा ही रहेगा।
स्टैटिक वेब पेज वेबसाइट में कैसे काम करते हैं – जैसा कि इमेज में है, यहां एक वेब सर्वर है और इसमें वेब पेजों के साथ-साथ अन्य मीडिया सामग्री जैसे ऑडियो, वीडियो, चित्र, और इसी तरह का एक संग्रह है।
तो जैसे ही यूजर इस वेबसाइट के डोमेन का नाम एंटर करता है तो वह इंटरनेट के माध्यम इसके वेब पेजों को एक्सेस कर लेता है और पेज सीधे उसकी मशीन के ब्राउज़र की विंडो में लोड हो जाते हैं। ये रेडीमेड पेज होते है और सर्वर पर आसानी से उपलब्ध होते हैं।
डायनामिक वेबसाइट/वेब पेज (Dynamic web pages)
डायनामिक वेब पेज वो पेज होते हैं जो नियमित तौर पर बदलते/अपडेट होते रहते हैं जैसे किसी यूनिवर्सिटी का रिजल्ट पेज,
रिजल्ट पेज में हम एग्जाम का नाम और विद्यार्थी का रोल नंबर एंटर करते हैं और हमें उस विद्यार्थी के अंक प्रदर्शित हो जाते हैं, और जैसे ही हम किसी अन्य विद्यार्धी का रोल नंबर एंटर करते हैं तो अंक और विषय बदल जाते हैं। इसका अर्थ है कि ये डायनामिक पेज है न की स्टैटिक पेज।
मैं कहना चाहूंगा की यह आंशिक रूप से डायनामिक और आंशिक रूप से स्टैटिक पेज है क्युकि इसका लुक, फील कंटेंट का अरैंजमेंट और फॉर्मेटिंग स्टैटिक है क्युकि यह पहले से तैयार रहता है और उसका कंटेंट जैसे विषय, विद्यार्थी का नाम, पता, और अंक ये सभी डायनामिक है।
सामान्यतः यह कंटेंट डेटाबेस से लाया जाता है, अगर आप अलग परीक्षा का नाम और रोल नंबर एंटर करते हैं तो कंटेंट बदल जाएगा और रोल नंबर के अनुसार डेटाबेस से लाया जाएगा। इसीलिए हम कह सकते हैं कि यह वेब पेज पैरामीटर पर कार्य कर रहा है और उसके अनुसार कंटेंट को बदल रहा है और इसी तरह डायनामिक पेज काम करते हैं।
स्टैटिक और डायनामिक पेज में अंतर (Difference between static page and dynamic page)
स्टैटिक पेज पहले से तैयार(रेडीमेड) पेज होते हैं जब भी आप जाओगे उन्हें वैसा ही पाओगे, जैसे यदि आप 40 या 42 साइज की रेडीमेड शर्ट लेने जाते हैं तो आपको उस साइज की रेडीमेड शर्ट का साइज हमेशा वही मिलेगा।
पर यदि आप दर्जी के पास जाते हैं तो वह पहले नाप लेता है और उसी के अनुसार शर्ट सिलता है जिससे शर्ट साइज बदल सकता है। इसी तरह स्टैटिक पेज का कंटेंट हमेशा एक जैसा ही रहता है और डायनामिक पेज का कंटेंट दिए गए पैरामीटर(जैसे रोल नंबर) के आधार पर बदलता रहता है।
दोनों ही पेज HTML का उपयोग करके डिज़ाइन किये जाते हैं पर दोनों में अंतर ये होता है कि डायनामिक पेज प्रोग्राम्ड पेज होते हैं, यहाँ टेलर सिर्फ एक प्रोग्राम है जिसे आप डायनामिक वेब पेज या वेबसाइट के तौर पर देख सकते हैं।
हर वेबसाइट का अपना वेब सर्वर होता है और उसमे स्टैटिक पेज और डायनामिक पेज दोनों हो सकते हैं, सामान्यतः डायनामिक पेज डाटाबेस को एक्सेस करते हैं, सभी पेज HTML का उपयोग करके बनाये जाते हैं जिनमे टेक्स्ट, इमेज, ऑडियो और वीडियोस होते हैं पर डायनामिक पेज में कुछ अन्य टेक्नोलॉजी का उपयोग भी किया जाता है जैसे servlet, JSP, asp.net, PHP.
Web Application vs Website
अब तक हम जान चुके हैं कि website kya hai और Web Application Kya Hai और हमने इनके प्रकारों के बारे में भी जाना, आइये अब जानते हैं कि वेब एप्लीकेशन और वेबसाइट में क्या अंतर है(what is the difference between web application and website in Hindi)
निर्देश | वेबसाइट | वेब एप्लीकेशन |
पहुँच | अधिकांश वेबसाइट यूजर को किसी प्रकार की अनुमति प्रदान नहीं करती यूजर सिर्फ उपलब्ध कंटेंट को पढ़ सकता है। | वेब एप्लीकेशन लोचशील होती है और यूजर अपने अनुसार सेटिंग्स में परिवर्तन कर सकता है। |
उद्देश्य | वेबसाइट को न्यूज़ और आर्टिकल प्रकाशित करने, जानकारी देने, प्रोडक्ट और सर्विस के विज्ञापन और अन्य कई तरह के कार्यों के लिए बनाया जाता है। | वेब एप्लीकेशन को ब्राउज़र और यूजर की उत्पादकता बढ़ाने, मनोरंजन और अन्य कार्यों के लिए बनाया जाता है। |
उपयोग | अधिकांश वेबसाइट जनता के लिए बनाई जाती हैं, और कोई भी यूजर वेबसाइट को एक्सेस कर सकता है और जानकारी प्राप्त कर सकता है। | एप्लीकेशन अंतिम यूजर के लिए बनाई जाती है और कोई भी अन्य व्यक्ति किसी और की एप्लीकेशन की जानकारी उसकी अनुमति के बिना एक्सेस नहीं कर सकता। |
जटिलता | वेबसाइट बहुत ही सामान्य और सरल होती हैं क्युकि ये सिर्फ विज़िटर्स को जानकारी प्रदान करती हैं। | वेब एप्लीकेशन वेबसाइट की तुलना में ज्यादा जटिल होती है क्युकि इनकी क्रियात्मकता और उत्पादकता वेबसाइट से ज्यादा होती है। |
प्रमाणीकरण | वेबसाइट को किसी प्रमाणीकरण की आवश्यकता नहीं होती क्युकि यह सिर्फ स्टैटिक डाटा और जानकारी प्रदान करती है, और प्रतिबंधित डाटा को एक्सेस नहीं करने देती। | वेब एप्लीकेशन को प्रमाणीकरण की आवश्यकता होती है क्युकि यह यूजर को अधिक पहुँच और इंटरेक्शन प्रदान करती है, और यूजर इसमें अपनी व्यक्तिगत जानकारी स्टोर कर सकता है। |
सॉफ्टवेयर प्रकार | वेबसाइट में बहुत से प्रोग्राम और एप्लीकेशन हो सकती हैं क्युकि यह एक सम्पूर्ण उत्पाद होती है और कई तरह के कार्यों के लिए उपयोग की जाती है। | वेब एप्लीकेशन वेबसाइट का भाग होती हैं यह सिर्फ एक वेबसाइट का अंश/भाग हो सकती है और उसकी उत्पादकता को बढ़ा सकती हैं। |
विकास | आप वेबसाइट को बिना दोबारा कम्पाइल किये उसमे छोटे-छोटे परिवर्तन किये जा सकते हैं, आप किसी छोटी क्रियात्मकता को हटा या जोड़ सकते हैं और बाकि चीजें वैसे ही काम करती रहती हैं। | एप्लीकेशन में अगर आप कुछ भी परिवर्तन करना चाहते हैं तो आपको पूरे प्रोग्राम को फिर से कम्पाइल करना पड़ता है। |
उत्पादकता | एक वेबसाइट कई तरह के कार्य कर सकती है क्युकि इसमें कई अलग-अलग ऍप्लिकेशन्स हो सकती हैं। | एप्लीकेशन कार्य विशिष्ट होती है और किसी विशेष कार्य को ही कर सकती हैं क्युकि इन्हे किसी एक विशिष्ट कार्य के लिए ही डेवलप किया जाता है। |
टेक्नोलॉजी | वेबसाइट को HTML, CSS, JavaScript + PHP/JAVA, और अन्य टेक्नोलॉजी का उपयोग करके बनाया जाता है। | ऍप्लिकेशन्स को java, python, c, c++, और अन्य प्रोग्रामिंग भाषाओँ का उपयोग करके बनाया जाता है। |
अंतिम शब्द
अब हम जानते हैं कि website kya hai और Web Application Kya Hai और हमने इनके प्रकारों के बारे में भी जाना और इनकी तुलना करके भी देखी जिससे यह समझ आता है कि वेबसाइट एक सम्पूर्ण उत्पाद होता है जिसमे कई ऍप्लिकेशन्स हो सकती हैं, और कई अलग-अलग कार्य कर सकती हैं, जैसे वेबसाइट में ब्लॉगिंग सेक्शन, चैट सेक्शन, प्रोडक्ट, सर्विस, कस्टूमर सपोर्ट और अन्य भाग हो सकते हैं।
वेब एप्लीकेशन किसी विशिष्ट कार्य के लिए डेवलप की जाती हैं और सिर्फ वही कार्य कर सकती हैं इनका निर्माण अंतिम यूजर के लिए किया जाता है, और ये ब्राउज़र और यूजर की उत्पादकता को बढाती है और वेबसाइट का एक भाग होती हैं।
अगर आपको हमारा यह पोस्ट अच्छा लगा हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताये और इसी तरह की अन्य टेक्नोलॉजी और ब्लॉगिंग से जुडी जानकारियों के लिए हमारे अन्य पोस्ट भी पढ़ें।